राजनीती

😜 ताज़ा ग़ज़ल😜
यूं ही बेसबब न फिरा करो, ATM की लाइन में लगा करो
सेल्फी लेकर भीड़ की, वहीँ से अपडेट किया करो

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो ५०० दिखाओगे तपाक से
यह मोदी जी का देश है दो हज़ार का सौदा लिया करो

कई चुनाव हैं अभी देश में, कोई आएगा कोई जाएगा
जिसे जनता ने है चुन लिया, उसे बावला न कहा करो

मुझे इश्तेहार सी लगती हैं, ये भाषणों की कहानियां
खुद जाके लाइन लगा करो, यूं माँ को न वां खड़ा करो

कभी राहुल-ए-पर्दानशीं भी हो, गांधियाना लिबास में
कभी दो करोड़ की कार से, चार हज़ार भी लिया करो 

ये ख़िज़ां की ज़र्द-सी शाल में, जो उदास पेड़ के पास है
ये सूखा हुआ सा ATM, इसे आंसुओं से हरा करो -

Comments

Popular posts from this blog

राणा नौशाद मलूक

बेहतर विकल्प क्या है।।

क्षेत्रीय विकास की रूपरेखा