बेहतर विकल्प क्या है।।
जिस को भी देखो सत्ता म सुख पाने लिए बेताब होता जा रहा हैं। मानों सारी समस्याओं का समाधान सत्ता में छुपा रखा है। हाँ साथियो हमने आज सिर्फ अपना स्वार्थ देखा स्वार्थी होना ठीक है लेकिन इतना भी नही की देशवासियों पर हो रहे अत्याचार पर एक शब्द बोलने से पहले अपना नफा नुकसान तलाशा जाये। एक तरफ शिक्षा का निजीकरण हो रहा है दूसरी तरफ लोगो को मारा जा रहा है। कुछ चंद लोग इकट्ठा होकर अपनी आवाज़ हो बुलन्द करते है तो कोई साथ देने को तैयार नही होता है । 313 ने वक्त के बादशाहों के खिलाफ लोहा लिया था और देखते ही देखते 313 की कुर्बानी का असर पूरी दुनिया मे में मौजूद है। वर्तमान सरकार की राजनीति दलित , मुस्लिम आदिवासी विरोधी है। किसान विरोधी है मजदूर विरोधी है देश को पूंजीवादी ताकतों के हाथों में दे दिया गया है। आज देश का युवा दुसरो की हाथ की कठपुतली बन कर रह गया है । ऐसे लोगों के हाथ मे रिमोर्ट है जो नही चाहते देश का युवा कुछ नया सोचे अपने सपनो के भारत को देखे हमारी युवा पीढ़ी को ऐसे गड्ढे में धकेल जा रहा है जहां अंधकार ही अंधकाIर है। अपने सपनो का भारत जब भी सोचता हूँ तो चारो तरफ अब्दुल कलाम , आर्यभट्ट